Monday, 8 August 2016

प्रज्ञापुराण कथामृत (बडा़ संस्करण) Part -1

प्रज्ञापुराण कथामृत (बडा़ संस्करण) Part -1

 

Preface

भारतीय संस्कृति के उपासक आचार्य पं. श्रीराम शर्मा जी द्वारा रचित प्रज्ञा पुराण को उनके समस्त साहित्य सागर का सार कहा जा सकता है । कथा साहित्य की लोकप्रियता को देखते हुए आचार्य श्री ने प्रज्ञा पुराण की रचना की, जिसमें आधुनिक परिस्थितियों तथा आवश्यकताओं के अनुरूप कथाओं के माध्यम से मानव के अचिंत्य चिंतन को बदलने के उद्देश्य से दैनंदिन समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया गया है । प्रज्ञा पुराण ग्रंथ रामायण तथा गीता के समान ही प्रेरणा प्रद है ।

आधुनिक युग की इस प्रेरक कृति प्रज्ञा पुराण को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य को लेकर इस पुस्तक की रचना की गई है । प्रज्ञा पुराण का मूल ग्रंथ संस्कृत में है, उन श्लोकों की हिन्दी में व्याख्या कर कथाओं के द्वारा युग चेतना जगाने का प्रयत्न किया गया है । संगीत की लोकप्रियता सर्वविदित है, उसमें हृदय तंत्री को झंकृत करने की अपूर्व क्षमता है, अत: मनोरंजन के साथ साथ जन कल्याण की भावना को ध्यान में रखकर प्रज्ञा पुराण कथामृतम् ( भाग दो) पुस्तक में श्लोकों की व्याख्या को राधेश्यामी तर्ज पर गेय पदों में प्रस्तुत किया गया है, जिससे प्रज्ञा पुराण का संदेश घर-घर, ग्राम-ग्राम, नगर- नगर तक पहुँच सके । लोक रंजन के साथ लोक मंगल का यह सर्व सुलभ मार्ग है ।

 

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