Preface
प्रकृति ने मनुष्य के लिए हर वस्तु उत्पन्न की है । औषधि उपचार के लिए जड़ी-बूटियों भी प्रदान की हैं । इस आधार पर चिकित्सा को सर्वसुलभ, प्रतिक्रियाहीन तथा सस्ता बनाया जा सकता है । जड़ी-बूटी चिकित्सा बदनाम इसलिए हुई कि उसकी पहचान भुला दी गई-विज्ञान झुठला दिया गया । सही जड़ी-बूटी उपयुक्त क्षेत्र से, उपयुक्त मौसम में एकत्र की जाए उसे सही ढंग सें रखा और प्रयुक्त किया जाए तो, आज भी उनका चमत्कारी प्रभाव देखा जा सकता है ।युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य के आशीर्वाद से, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान ने इस दिशा में सफल शोध-प्रयोग किए हैं । गिनी-चुनी जड़ी-बूटियों से लगभग ८० प्रतिशत रोगों का उपचार सहज ही किया जा सकता है । ऐसी सरल, सुगम, सस्ती परंतु प्रभावशाली चिकित्सा-पद्धति जन-जन तक पहुँचाने के लिए यह पुस्तक प्रकाशित की गई है । जड़ी-बूटियों की पहचान, गुण, उपयोग- विधि सभी स्पष्ट रूप से समझाने का प्रयास किया गया है ।
इस पुस्तक में ऐसी जडी़-बूटियों को प्राथमिकता दी गई है, जो भारत में अधिकांश क्षेत्रों में पाई जाती हैं अथवा उगाई जा सकती हैं । आचार्यवर की इच्छा है कि यह विधा विकसित हो और रोग निवारण के साथ-साथ जन-जन को प्राण शक्ति संवर्द्धन का लाभ भी प्राप्त हो । ऋषियों द्वारा विकसित इस विधा का लाभ पुन: जन-जन को मिले ।
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