Tuesday, 24 May 2016

आदर्श ग्राम योजना (मार्गदर्शिका)

Preface

आध्यात्मिकता व जीवन साधना को आधार बनाते हुए सामाजिक क्रांति मूलतः हमारे मिशन का लक्ष्य है अर्थात् समाज की समस्याओं का समाधान ।। हमारा देश ग्राम प्रधान है और यहाँ की 70 प्रतिशत आबादी गाँवों में बसती हे ।। आजादी के बाद विकास प्रक्रिया का लाभ लेकर यद्यपि कुछ मुट्ठीभर लोग साधन व सुविधा सम्पन्न अवश्य हुए हैं परन्तु ग्रामीण क्षेत्र का बहुसंख्यक समाज आज भी न केवल अभाव व पीडाग्रस्त हैं बल्कि दयनीय स्थिति में है ।। बेरोजगारी व गरीबी, कृषि एवं पशुपालन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, सूखा व जलसंकट, अनीति व भ्रष्टाचार, विभिन्न प्रकार के व्यसन व प्रदर्शन आदि से सम्बंधित अनेक समस्याओं से लोग पीड़ित है परन्तु इनका समुचित समाधान उन्हें मिल नहीं पा रहा है ।। अत: हमारी गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु अब ग्रामीण क्षेत्र है ।। हमारी आराध्यसत्ता परम पूज्य गुरुदेव की उद्घोषणा भी तो यही है कि भावी दुनिया गाँवों के विकास पर केन्द्रित होगी ।। उपरोक्त को दृष्टिगत रखते हुए मिशन अब ग्राम्य विकास कार्यक्रम को एक अभियान का रुप देना चाहता है ।। आदर्श गाँव बनाने हेतु परिजनों के लक्ष्य भी निर्धारित किए गये हैं ।। परिणामत :अब अनेकों कार्यकर्त्ता ग्राम्य विकास कार्य में जुट रहे होंगे, परन्तु गाँव को आदर्श व स्वावलम्बी बनाने के लिए क्या- क्या कार्यक्रम व गतिविधियाँ चलाई जाएँ कैसे चलाई जाएँ उसकी विधिव्यवस्था क्या हो, गाँव विशेष में किन कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए, ग्राम्य विकास प्रक्रिया में स्थायित्व कैसे लाया जाए, एक ग्राम सु धारक के रूप में उन्हें किन दायित्वों का निर्वहन करना है आदि से सम्बन्धित अनेक बिन्दुओं पर उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है ।। इसे दृष्टिगत रखते हुए ही यह पुस्तिका तैयार की गई है ।।

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