Friday, 3 June 2016

विज्ञान उपवन के महकते पुष्प

Preface

जर्मनी देश का एक शहर ।। बड़ी तेज बारिश हो रही थी ।। एक सभ्य और प्रतिष्ठित- सा देखने वाला आदमी अपने हैट को कोट के भीतर छुपाकर चला जा रहा था ।। पास में छाता भी नहीं था ।। रास्ते में चलते हुए कई लोगों ने नमस्कार किया ।। कुछ परिचित मित्र भी मिले ।। वह व्यक्ति उनसे हँसता- बोलता अपनी राह पर चला जा रहा था ।। किसी ने पूछा- भाई ! तेज बारिश हो रही है ।। हैट से सिर को ढकने के बजाए तुम उसे कोट में दबाकर चल रहे हो ।। क्या तुम्हारा सिर नहीं भीग रहा है ?

भीग तो रहा है परंतु बाद में सूख जाएगा, लेकिन हैट खराब हो गया तो नया खरीदना पड़ेगा ।। नया हैट खरीदने के लिए मुझे समय, धन निकालना पड़ेगा ।। जानते हो जिस काम में लगा हुआ है इससे उसमें कितना व्यवधान होगा। उस व्यक्ति ने कहा ।।

वास्तव में यह व्यक्ति जिस काम में लगा हुआ था बड़ा महत्वपूर्ण था ।। विज्ञान के क्षेत्र में उस प्रतिभाशाली व्यक्ति ने जो खोजें की, सारा संसार उनसे उपकृत है ।। और ऐसी छोटी- छोटी बातों में भी समय और धन लगाने को व्यर्थ समझने वाला वह व्यक्ति था संसार का महानतम वैज्ञानिक- अल्वर्ट आइंस्टीन ।।


 

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