Friday, 4 November 2016

अब्राहम लिंकन

http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=727अमेरिका आज संसार में धन और शक्ति की दृष्टि से सर्वोपरि माना जाता है। संसार कं अधिकांश राष्ट्र उसके कर्जदार और सबसे अधिक सैन्य- साम्रगी उसके ही पास है। पर इतनी समृद्धि और सामर्थ्य होने पर भी वहीं सामाजिक शांति का बड़ा अभाव है। लूटमार, अपहरण, हत्या, आत्महत्या की जितनी घटनायें वहीं होती हैं, उतनी शायद ही किसी अन्य देश ने होती होंगी। सब प्रकार के साधन होते हुए भी इस तरह का अशांत, असंतुष्ट -जीवन व्यतीत करना, इस बात का चिह्न है कि वहीं के समाज में कोई ऐसी बड़ी त्रुटि है, जिससे वे वास्तविक सुख से वंचित ही रह जाते है।

न मालूम वह कौन -सी अशुभ घड़ी थी, जब धन के लोनी कुछ नर- पिशाचों ने अफ्रीका कं निरीह हबशियों को जबर्दस्ती पकड़कर गुलाम के रूप में अमेरिका में बेचना शुरू जिया ।। उस समय अमेरिका की आबादी कम थी। जमीन जितनी चाहे पडी़ हुई थी बस वहाँ वहीं के गोरी ने इन काले लोगों से पशुओं की तरह काम लेकर अपने वैभव की वृद्धि करनी आरंभ की। वे लोग हबशियों को मनुष्य नहीं समझते थे और उसके साथ कैसा भी व्यवहार कर सकते थे। हबशी दास को मार डालने पर भी कोई कानूनों प्रतिबंध न था और वास्तव में प्रति वर्ष सैकड़ों दास अधिक क्रुर प्रकृति के मालिकों द्वारा मार दिये जाते थे। हबशियों की संतान, स्त्री, बच्चे सब मालिक की अचल संपत्ति की तरह माने जाते थे और उनको पीढ़ी- दर एक ही मालिक की दासता करनी पड़ती थी जब तक यह स्वयं उसे किसी दूसरे के हाथ बेच न दे। अगर भीषण कष्टों को सहन न कर सकने के कारण कोई दास भाग जाता, तो जानवरों की तरह उसका पीछा और खोज की जाती थी और उसे पकड़कर पहले से अधिक यंत्रणायें दी जाती थी। 

 

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