Thursday, 14 April 2016

वैभव नही महानता का वरण करें


Table of content

• ऐश्वर्य को अतिरंजित महत्त्व न दें
• विचारणा में दूरदर्शिता हो आचरण में शालीनता
• उत्कृष्टता का वरण एक महान पुरुषार्थ
• चरित्रनिष्ठा-सर्वोपरि शक्ति
• श्रेष्ठता के दो आधार सादा जीवन, उच्च विचार
• अंत:करण पवित्र भावों से अनुप्राणित हो
• गुणग्राही बनें, दुर्गुणों से दुर रहें
• व्यक्तित्व का श्रृंगार-सदगुण
• समस्त दुर्गुणों का मूल कारण अंहकार
• बिना मोल की अमूल्य संपत्ति शालीनता

Buy Online @
http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=460

No comments:

Post a Comment