Saturday, 2 July 2016

आर्थिक स्वावलंबन भाग-२

Preface

फल और सब्जियाँ हमारे आहार के महत्वपूर्ण अंग है ।। परन्तु मौसमी होने के कारण सभी हर समय और हर स्थान पर प्राप्त नहीं होते ।। सड़नशील होने के कारण बहुत समय टिक भी नहीं सकते ।। फल एवं सब्जियों के तुड़ाई से लेकर उनके उपयोग के दौरान लगभग ३० प्रतिशत अंश खराब हो जाता है ।। यही नहीं मौसमी पैदावार अधिक होने के कारण मूल्यों में गिरावट के फलस्वरूप उत्पादक को उनका समुचित मूल्य भी नहीं मिल पाता ।। अत: उत्पादक एवं उपभोक्ता दोनों के ही हित की दृष्टि से फल एवं सब्जी परिरक्षण प्रौद्योगिकी एक अति महत्त्वपूर्ण विधा है ।। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ बनाने तथा बेरोजगारी निवारण की भी अपार सम्भावनाएँ इस में छिपी हैं ।। 

यदि फल एवं सब्जी प्रौद्योगिकी के व्यवहारिक ज्ञान का जनस्तर पर विस्तार किया जाय तो ग्रामीणों के लिए विशेषतया ग्रामीण दोत्र की शिक्षित एवं अशिक्षित महिला वर्ग के लिए व्यापक स्तर पर रोजगार के नये उवसर प्राप्त हो सकते हैं और यह उनके स्वावलम्बन का सुदृढ आधार बन सकता है ।। हमारे यहाँ हर मौसम में कोई न कोई फल अथवा सब्जी अपने स्वयं के उत्पाद के रूप में अथवा स्थानीय बाजार से सस्ते दामों पर बहुतायत में सहज उपलब्ध रहता है ।। अत: कच्चे माल की कभी कमी नहीं रहती है ।। घरेलू स्तर पर कोई भी परिक्षित उत्पाद बनाने के लिए पूंजी की भी अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती ।। 
 http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=953

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