Preface
दरिद्रता से पीढ़ितों के लिए सहयोग जुटाने की तरह ही उन्हें यह समझाना आवश्यक है कि अपने व्यक्तित्व में दक्षता व्यवस्था तत्परता की कमी बनाये रखने वाला स्वभाव ही खुशहाली के मार्ग में भयानक चट्टान बन कर अड़ा हुआ है ।। यही दोष कभी अवसाद बनकर उत्पादन रोक देते हैं ।। कभी लापरवाही या अपव्यय बनकर साधनों को बरबाद कर देते हैं ।। उक्त दोषों के रहते धन का सहयोग उल्टे आलस्य तथा दुर्व्यसन पैदा कर देता है ।। जो उन्नति के स्थान पर दुर्गति का कारण बनता है ।।
यदि लोगों में प्रगति के लिए व्यापक उत्साह उभारा जा सके और उसके आधार के रूप में अपनी दक्षता तत्परता के प्रयासों को स्वीकारा जा सके तो समझना चाहिए कि गरीबी उन्मूलन की आधी योजना सफल हो गई ।। ऐसा होने पर उदारचेताओं, संस्थाओं, सरकारी सहयोगों की व्यवस्था बनाकर शेष आधा कार्य आसानी से पूरा किया जा सकता है |
दूसरे विश्वयुद्ध में बुरी तरह आहत जापान, जर्मन, रूस आदि ने थोड़े समय में ही आश्चर्यजनक उन्नति कर ली ।। किसी समय का अफीमची देश चीन आज बड़ों- बड़ों को आँख दिखाने की स्थिति में है ।। यह चमत्कार तब हुए जब जन- जन ने निज दक्षता, व्यवस्था और श्रमशीलता उभारी और जनशक्ति को कष्ट साध्य कर्मठता में नियोजित किया ।।
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