परिष्कृत व्यक्तित्व एक सिद्धि एक उपलब्धि
उच्चशिक्षा, चतुरता या शरीर सौष्ठव भर से कोई व्यक्ति न तो आत्म-
संतोष पा सकता है और न लोक सम्मान ।। इन सबसे महत्त्वपूर्ण है परिष्कृत
व्यक्तित्व।। प्रतिभाशील और उन्नतिशील बनने का अवसर इसी आधार पर मिलता है
।।
समग्र व्यक्तित्व के विकास को विज्ञान की भाषा में "बौडी इमेज" कहा जाता है
।। जिनने इस दिशा में अपने को विकसित कर लिया, उनने दूसरों को प्रभावित
करने की विशिष्टता को उपलब्ध कर लिया ।। ऐसे ही व्यक्तित्व प्रामाणिक और
क्रिया कुशल माने जाते हैं ।। उनकी माँग सर्वत्र रहती है ।। वे न तो हीन
समझे जाते हैं और न अपने कामों में असफल रहते हैं ।। "बौडी इमेज" से
तात्पर्य सौंदर्य, सज्जा या चतुरता से नहीं, वरन व्यक्तित्व की उस
विशिष्टता से है जिसके आधार पर किसी की वरिष्ठता एवं विशिष्टता को स्वीकार
किया जाता है ।। यह किसी के विश्वस्त, क्रियाकुशल एवं प्रामाणिक होने की
स्थिति है ।। जिसके पास यह संचय है समझना चाहिए उसके पास बहुत कुछ है ।। जो
इस क्षेत्र में पिछड़ गया, समझना चाहिए उसे तिरस्कार का भाजन बनना पड़ेगा ।।
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