Thursday, 9 March 2017

बडे़ आदमी नहीं महामानव बनें

http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=62न जाने किस कारण लोगों के मन में यह भ्रम पैदा हो गया है कि ईमानदारी और नीति निष्ठा अपनाकर घाटा और नुकसान ही हाथ लगता है । संभवत: इसका कारण यह है कि लोग बेईमानी अपनाकर छल-बल से, धूर्तता और चालाकी द्वारा जल्दी-जल्दी धन बटोरते देखेजाते हैं । तेजी से बढ़ती संपन्नता देखकर देखने वालों के मन में भीवैसा ही वैभव अर्जित करने की आकांक्षा उत्पन्न होती है । वे देखते हैंकि वैभव संपन्न लोगों का रौब और दबदबा रहता है । किंतु ऐसा सोचते समय वे यह भूल जाते है कि बेईमानी और चालाकी से अर्जित किए गए वैभव का रौब और दबदबा बालू की दीवार हीहोता है, जो थोड़ी-सी हवा बहने पर ढह जाता है तथा यह भी कि वह प्रतिष्ठा दिखावा, छलावा मात्र होती है क्योंकि स्वार्थ सिद्ध करने के उद्देश्य से कतिपय लोग उनके मुँह पर उनकी प्रशंसा अवश्य करदेते हैं, परंतु हृदय में उनके भी आदर भाव नहीं होता ।

इसके विपरीत ईमानदारी और मेहनत से काम करने वाले,नैतिक मूल्यों को अपनाकर नीति निष्ठ जीवन व्यतीत करने वाले भले ही धीमी गति से प्रगति करते हों परंतु उनकी प्रगति ठोस होती है तथा उनका सुयश देश काल की सीमाओं को लांघकर विश्वव्यापी और अमर हो जाता है । अंग्रेजी के प्रसिद्ध साहित्यकार जार्ज बर्नार्डशॉ को कौन नहीं जानता । उन्होंने अपना जीवन प्रापर्टी डीलर के यहाँ उसके कार्यालय में क्लर्क की नौकरी से प्रारंभ किया था । 

 

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