Tuesday, 25 April 2017

युग -परिर्वतन कैसे और कब ? -27

http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=279सभी एक स्वर से यह कह रहे हैं कि प्रस्तुत वेला युग परिवर्तन की है। इन दिनों जो अनीति व आराजकता का साम्राज्य दिखाई पड़ रहा है, इन्हीं का व्यापक बोलबाला दिखाई दे रहा है, उसके अनुसार परिस्थितियों की विषमता अपनी चरम सीमा पर पहुँच गयी है। ऐसे ही समय में भगवान ‘‘यदा-यदा हि धर्मस्य’’ की प्रतिज्ञा के अनुसार असन्तुलन को सन्तुलन में बदलने के लिए कटिबद्ध हो ‘‘संभवामि युगे युगे’’ की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए आते रहे हैं। ज्योतिर्विज्ञान प्रस्तुत समय को जो 1850 ईसवीं सदी से आरम्भ होकर 2005 ईसवी सदी में समाप्त होगा—संधि काल, परिवर्तन काल, कलियुग के अंत तथा सतयुग के आरम्भ का काल मानता चला आया है।


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