यह बोल रहा है महाकाल
आप अपना लक्ष्य स्थिर कीजिए।। किस आदर्श के लिए अपना जीवन लगाना
चाहते हैं, यह निश्चित कीजिए ।। तत्पश्चात उसी की पूर्ति में मन, वचन
औंर कर्म से लग जाइए ।। लक्ष्य के प्रति तन्मय रहना मनुष्य की इतनी बड़ी
विशेषता, प्रतिष्ठा, सफलता औंर महानता हैं कि उसकी तुलना में अनेकों प्रकार
के आकर्षक गुणों को तुच्छ ही कहा जाएगा ।।
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