देखन मे छोटे लगें घाव करे गम्भीर भाग-२
नारी का शील- राष्ट्र की संपत्ति
कैसोविया गणराज्य के एक बड़े नगर गुइनपापर में चार व्यक्तियों को एक स्त्री
के साथ बलात्कार करने के मामले में मृत्युदंड की सजा दी गई ।। इस मुकदमे की
सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि किसी भी वकील ने इस मुकदमे की पैरवी करना
स्वीकार नहीं किया ।। सुनवाई कुल चार दिन हुई और पाँचवें दिन निर्णय देकर
छठवें दिन चारों अपराधियों को निर्णयानुसार शूली पर चढ़ा दिया गया ।।
इस्तगासे के अनुसार ९१ वर्षीय युवती मेट्रन बाविना किसी काम से बाजार जा
रही थी ।। विद्यालय और सड़क के बीच थोड़ा फासला पड़ता था, वहीं अभियुक्तों ने
उसे पकड़ लिया तथा बंदूक दिखाकर उसे डराया और उसके साथ बलात्कार किया ।।
तुरंत बाद ही चारों अभियुक्तों को हिरासत में ले लिया गया ।। युवती की
शिनाख्त के अतिरिक्त कई अन्य प्रत्यक्ष प्रमाण थे, जिनके कारण सभी चारों
बदमाशों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया ।।
जब मामला अदालत में लाया गया, उस समय सर्वप्रथम आदर्श उपस्थित किया एडवोकेट
संघ ने, जिसकी तुरंत बैठक की गई ।। बैठक के अध्यक्ष की इस अपील पर कि जहाँ
तक अन्य सामाजिक मामले हैं उनमें थोड़ी- बहुत असमानता हो सकती है, पर
स्त्रियों की सुरक्षा और उनके शील की रक्षा सारे समाज के लिए एक- सी है ।।
हम यह कभी सहन नहीं कर सकते कि जिन स्त्रियों के चरित्र के कारण हम पुरुषों
का भाग्य और चरित्र निर्मित होता है, उनको लोग बंदूक से डराकर पथभ्रष्ट
किया करें ।। यह प्रत्येक व्यक्ति के साथ विश्वासघात है, इसलिए ऐसे
प्रत्येक दुराचरणशील व्यक्ति को कभी भी माफ नहीं किया जाना चाहिए ।।
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