Friday, 21 April 2017

युगऋषि चिंतन १

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ऋषि चिंतन के सान्निध्य में परम पूज्य गुरुदेव के मौलिक विचारों का प्रस्तुतीकरण है सद्विचारों के माध्यम से महामानव कैसे किसी समय विशेष में जन समुदाय को एक विशिष्ट लक्ष्य की ओर मोड़ देते हैं इसका परिचय इन छोटे छोटे विचार सार रूपी संदेशों द्वारा मिलता है । अखंड ज्योति पत्रिका के सन १९४० से सन १९६६ तक के प्रकाशित लेखों में से महत्वपूर्ण चिंतनपरक विचारों का संकलन इस ग्रन्थ में किया गया है ।

इस ग्रन्थ के स्वाध्याय से हम अपना, अपने परिवारीजनों का जीवन सफल बनाएं। अपने परिचितों, स्नेहीजनों, रिश्तेदारों एवं अथितियों को सभा सम्मेलनों, विवाह संस्कार, जन्मदिवस किसी पर्व त्यौहार पर भेंट किया जाय, ताकि अपने परिकर में भी समान विचारधारा फैले । हमारा आत्मीय पाठक बंधुओं से निवेदन है कि इस ग्रन्थ की अधिकाधिक प्रतियाँ समाज में फैलाने में अपना हर संभव सहयोग करें । 

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