युग निर्माण का शत सूत्री कार्यक्रम
युग निर्माण योजना का शत- सूत्री कार्यक्रम
युग की वह पुकार जिसे पूरा होना ही है- आत्म निर्माण, परिवार निर्माण और
समाज निर्माण का उद्देश्य लेकर युग निर्माण योजना नामक एक आध्यात्मिक
प्रक्रिया अखण्ड ज्योति के सदस्यों द्वारा जून ११६३ से आरंभ की गई है ।।
स्वस्थ शरीर, स्वच्छ मन और सभ्य समाज की अभिनव रचना का लक्ष्य पूरा करने के
लिए तभी से यह आंदोलन सफलतापूर्वक चल और द्रुतगति से आगे बढ़ रहा है ।।
आंदोलन के आरंभ में जनसाधारण को उसका स्वरूप समझाने के लिए जो सूत्र दिये
गये थे, उनका समग्र स्वरूप इस पुस्तक में है ।। इसलिए पाठकों को ऐसा प्रतीत
होगा, मानो यह कोई विचाराधीन योजना या किसी भावी कार्यक्रम की कल्पना है,
पर वस्तुस्थिति ऐसी नहीं ।। विगत कई वर्षो से शत सूत्री योजना के यह सभी
कार्यक्रम देश- विदेश के लाखों सदस्यों द्वारा बड़े उत्साहपूर्वक
कार्यान्वित किए जा रहे हैं ।। प्रगति जिस आशाजनक और उत्साहपूर्ण ढंग से हो
रही है, उसे देखते हुए प्रतीत होता है कि किसी समय का यह स्वप्न अगले कुछ
ही समय में एक विशाल वृक्ष का रूप धारण करने जा रहा है और युग निर्माण की
बात जो अत्युक्ति जैसी लगती थी, अगले दिनों एक सुनिश्चित तथ्य के रूप में
मूर्तिमान् होने वाली है ।।
नवनिर्माण का यह अभिनव आंदोलन समय की एक अत्यन्त आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण
पुकार है ।। प्रत्येक विचारशील व्यक्ति के लिए यह योजना अपनाये जाने योग्य
है ।। कारण, आज जिस स्थिति में होकर मनुष्य जाति को गुजरना पड़ रहा है, वह
बाहर से उत्थान जैसी दीखते हुए भी वस्तुत: पतन की है ।। दिखावा, शोभा,
श्रृंगार का आवरण बढ़ रहा है, पर भीतर ही भीतर सब कुछ खोखला हुआ जा रहा है
।।
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