जीवन साधना की ऊर्जा - रश्मियाँ
कौन कितना सौभाग्यशाली है ? इसके उत्तर में उसके वैभव,पद,प्रभाव आदि की नाप - जोख की जाती है ।। सुविधा -साधनों के सहारे इस प्रकार
का मूल्यांकन किया जाता है, जबकि देखा यह जाना चाहिए कि गुण,कर्म,स्वभाव
,चिंतन और चरित्र की दृष्टि से कौन किस स्तर पर रह रहा है।
वस्तुत: व्यक्तित्व की पवित्रता एवं प्रखरता के आधार पर बनने वाली प्रतिभा
वह सम्पदा है,, जिसके सहारे उच्चस्तरीय प्रगति के पथ पर दूर तक जा पहुँचने
का अवसर किसी को भी मिल पाता है ।। आंतरिक प्रफुल्लता लोकश्रद्धा एवं दैवी
अनुकम्पा को सफल जीवन की महान उपलब्धियाँ माना गया है।
इन्हें अर्जित करने में समर्थ, परिष्कृत व्यक्तित्व गढ़ने के लिए जो साधना
आवश्यक है , उसके महत्त्वपूर्ण सूत्र यहाँ संकलित किए गए हैं ।सफल जीवन
जीने की कला के सर्वश्रेष्ठ प्रयोक्ता ( परम पूज्य गुरुदेव ) के ये सूत्र
किसी को भी जीवन लक्ष्य के चरम शिखर पर पहुँचा देने में सक्षम हैं ।।
आवश्यकता है , इन्हें जीवन की प्रयोगशाला में प्रयोग करने की।।
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