Saturday, 18 February 2017

जीवन-साधना प्रयोग और सिद्धियाँ

http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=1219झाड़ियों की काट-छाँट करके एक सुंदर उपवन बनाया जा सकता है और पत्थरों को तराशकर बढ़िया मूर्ति निर्मित की मनुष्य एवं अन्य प्राणियों में कोई तात्त्विक भेद नहीं है, परंतु बुद्धि और समुन्नत चेतना के रूप में मनुष्य को ईश्वर का जो उपहार मिला है, उसकी सार्थकता अपना स्तर ऊँचा उठाते चलने और समाज के उत्कर्ष में योगदान देते रहने में ही है । इस सार्थकता की सिद्धि के लिये अपनायी जाने वाली रीति-नीति का नाम ही जीवन साधना है ।

इस पुस्तक में निर्दिष्ट सूत्रों के अनुरूप अपने व्यक्तित्वों को सुसंस्कृत बनाने का प्रयास किया जाय, तो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में सुख-शांति तथा सुव्यवस्था लायी जा सकती है । 

 

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