Friday, 24 February 2017

संपदाएँ बढा़एँ पर शालीनता न खोयें

http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=975अमेरिका आज संसार का सबसे धनी देश है ।। उसके पास अपार धनराशि है ।। धन के साथ- साथ यहाँ शिक्षा, विज्ञान एवं सुख- साधनों का प्रचुर मात्रा में अभिवर्द्धन हुआ है ।। उपार्जन की तरह उन लोगों ने उपभोग की कला भी सीखी है।। इसलिए वहाँ के निवासी हमें धनाधिप देवपुरुषों की तरह साधन संपन्न और आकर्षक दिखाई पड़ते हैं ।। हर तीन में से एक के पीछे एक कार है ।। इसका अर्थ यह हुआ कि जिस परिवार में स्त्री, पुरुष और एक बच्चा होगा, वहाँ एक कार का औसत आ जाएगा ।। टेलीविजन, रेफ्रीजरेटर, हीटर, कूलर, टेलीफोन तथा दूसरे सुविधाजनक घरेलू यंत्र प्राय: हर घर में पाए जाते हैं ।। विलासिता के इतने अधिक साधन मौजूद हैं, जिनके लिए भारत जैसे गरीब देशों के नागरिक तो कल्पना और लालसा ही कर सकते हैं ।।

विद्वान रेन एल्टिन ने अपने देशवासियों की मनःस्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा है -

"बेचैनी उनकी एक विशेषता बन गई है ।। शांति और संतोष की हलकी- फुलकी जिंदगी जीने वाले बहुत थोड़े लोग मिलेंगे ।। अधिकांश को तो भारी तनाव और उद्वेग के बीच अपने दिन पूरे करने पड़ते हैं ।"

यह उद्वेग निर्धन और अशिक्षित देशों की अपेक्षा धनी और शिक्षितों में अधिक है ।। इस ऊब से पिंड छुड़ाने के लिए लोगों को आत्महत्या ही सरल प्रतीत होती है और उस अपेक्षाकृत कम कष्टदायक दुस्साहस को कर बैठते हैं ।। 

 

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