मद्यपान असमय मृत्यु का कारण
शराब का घूंट हलक से नीचे उतरते ही आमाशय की श्लेष्मा झिल्ली से
छेड़छाड़ करती है और खून में मिलकर मस्तिष्क तक पहुंच जाती है । मस्तिष्क में
पहुंचने के लिए पांच मिनट से भी कम समय लगता है और वहां पहुंचते ही वह
मस्तिष्क के उन भागों को निष्किय कर देती है जो विचार, विश्लेषण और निर्णय
करने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाहते हैं । मदिरा का जो अंश मस्तिष्क को
चेतना शून्य बनाता और नशा देता है, उसे इथाइल अल्कोहल कहते हैं । यह
विशुद्ध रूप से बेहोश करने वाला तत्व है । जब शराब के माध्यम से अल्कोहल
मस्तिष्क में पहुंचता है और उसे विचार तथा विवेकशून्य बना देता है ।
Buy online:
No comments:
Post a Comment